पुरस्कार के लोभ में आख़िरकार एक बगला तैयार हुआ| उसने बाघ के मुंह में अपनी लम्बी चौंच डाल कर अथक प्रयास के बाद उस हड्डी को बाहर निकाल दिया| बाघ को बड़ी राहत मिली| बगले ने जब अपना पुरस्कार माँगा तो बाघ आग बबूला होकर दांत पीसते हुए बोला- अरे मूर्ख! तूने बाघ के मुंह में अपनी चौंच डाल दी थी, उसे तू सुरक्षितरूप से बाहर निकाल सका, इसको अपना भाग्य न मान कर ऊपर से पुरस्कार मांग रहा है? यदि तुझे अपनी जान प्यारी है तो मेरे सामने से दूर हो जा, नहीं तो अभी तेरी गर्दन मरोड़ दूंगा| यह सुनकर बगला स्तब्ध रह गाया| और तत्काल वहां से चल दिया| इसी लिए कहते हैं कि- दुष्टों के साथ जादा मेलजोल अच्छा नहीं|
Thursday, November 25, 2010
बाघ और बगला
एक बार एक बाघके गले में हड्डी अटक गयी| बाघ ने उसे निकलने की बड़ी चेष्टा की, पर उसे सफलता नहीं मिली| पीड़ा से परेशान हो कर वह इधर उधर दौड़ भाग करने लगा| किसी भी जानवर को सामने देखते ही वह कहता-भाई!यदि तुम मेरे गले से हड्डी को बाहर निकाल दो तो मै तुम्हें विशेष पुरस्कार दूंगा और आजीवन तुम्हारा ऋणी रहूँगा| परन्तु कोई भी जीव भय के कारण उस की सहायता करने को राजी नहीं हुआ |
Friday, November 12, 2010
राजा ब्रूश और मकड़ी
राजा ब्रूश एक शांति प्रिय राजा थे| उनके राज्य में चारों तरफ शांति और समृधि थी| लोग राजा से बहुत प्रशन्न थे| राजा भी प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे| एक बार पडोसी राज्य के राजा ने उनके राज्य पर अचानक हमला कर दिया| राजा ब्रूश इस के लिए तैयार नहीं थे| लड़ाई में राजा ब्रूश की हार हो गयी किसी तरह से अपनी जान बचाकर राजा ब्रूश जंगल में जाकर एक गुफा में छिप गए| जब राजा ब्रूश गुफा में बैठे थे तो एक मकड़ी ने उन का ध्यान अपनी ओर खीचा| मकड़ी ऊपर दीवाल पर चढ़ रही थी,पर बार बार नीचे गिर जाती थी| हर बार मकड़ी कुछ ऊपर जाकर नीचे गिर जाती थी| लेकिन मकड़ी ने हार नहीं मानी| ५-६ बार नीचे गिरी और ५-६ बार दुबारा ऊपर चड़ी| आंखिर में मकड़ी ऊपर चड़ने में कामयाब होगई| राजा ब्रूश ने सोचा कि अगर एक मकड़ी बार बार कोशिस करने से सफल हो सकती है तो में भी बार बार कोशिस करने पर सफल हो सकता हूँ| मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| राजा ब्रूश ने हिम्मत कर के अपनी सेना को दुबारा से एकत्र किया| कुछ समय बाद राजा ब्रूश ने अपने दुश्मन पर धावा बोल दिया और राजा ब्रूश की इस बार जीत हुई| राजा ब्रूश को अपना खोया हुआ राज्य फिर से मिल गाया| राजा ब्रूश फिर से पहले की तरह अपना राज काज चलाने लग गए|
शिक्षा: बार बार कोशिस करने पर कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है|
शिक्षा: बार बार कोशिस करने पर कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है|