बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में एक पेड़ के नीचे कुछ चूहे रहते थे| चूहों ने पेड़ की जड़ के पास अपने घर बनाए हुए थे| पास में ही एक नदी बहती थी| सारे चूहे आपस में मिलजुल कर रहते थे और खुश रहते थे| एक दिन एक हाथियों का झुण्ड वहां आ गया| हाथियों ने नीचे कुछ भी नहीं देखा जो भी सामने आया सब को कुचल दिया| इस में चूहों के कई घर तबाह हो गए और कुछ चूहे बुरी तरह से घायल भी हो गए| अब चूहों ने एक सभा बुलाई जिस में उन्हों ने अपने सरदार से कहा कि वह जाकर हाथियों के सरदार से बात करे कि किस तरह उनके साथियों ने हमारे घर तबाह कर दिए हैं| चूहों का सरदार हाथियों के सरदार के पास गया और नम्रता से कहा कि आज आपके हाथियों ने हमारे बहुत सारे घर तोड़ दिए और कई चूहों को जख्मी भी कर दिया है| अब आगे से ऐसा न करें| हाथियों का सरदार दयालु था उसने कहा कि आज के बाद कोई भी हाथी तुम्हें तकलीफ नहीं देगा| यह में वादा करता हूँ| चूहों के सरदार ने कहा जब भी जरूरत हो हमें याद करना हम आपकी मदद को आ जाएँगे| चूहों का सरदार खुश होकर वापस आ गया और बताया कि सब ठीक हो गया है| सब कुछ पहले की तरह चलने लग गया|
काफी दिनों बाद एक शिकारी ने आकर आपना जाल नदी के किनारे पर बिछा दिया| हाथियों का सरदार इस जाल में फंस गया| उसको अपने दोस्त चूहों के सरदार की याद आई| उसने अपने साथियों को बुलाकर कहा कि वे चूहों के सरदार को बुलाकर लाएं वह ही हमारी मदद कर सकता है| हाथी दौड़ कर चूहे के पास गए और सारी बात बताई| सभी चूहे मदद के लिए दौड़ पड़े| कुछ ही मिनटों में उन्हों ने अपने तेज दांतों से जाल को काट दिया और हाथी को आजाद करा दिया| हाथी ने चूहों का धन्यवाद किया और कहा "कर भला हो भला अंत भले का भला"|
ant bhala to sab bhala
ReplyDeleteलेकिन उत्तर प्रदेश के हाथियों को तो 'चुहाव आयोग' ने ही परेशान कर रक्खा है... उनके जाल (कवर) कौन काटेगा?
ReplyDeleteदेखें इस काम से किसका भला होता है??
बचपन में सुनी थी ये कहानियां दादी नानी के मुख से। इनके संदेश आज भी उतने ही प्रेरक हैं।
ReplyDeleteअच्छी कहानी....कुछ अच्छा सीखने को मिला!
ReplyDeleteप्रेरक कहानी |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और प्रेरक कहानी..
ReplyDeleteबचपन में सुनी थी ये कहानियां अब बच्चों के साथ शेयर करने मे अच्छा लगता है
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति, सुंदर कहानी ,बेहतरीन पोस्ट....
ReplyDeletenew post...वाह रे मंहगाई...
बहुत सुन्दर प्रेरक कहानी..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहिंदी दुनिया
प्रेरक कहानी,बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसादर
एक ब्लॉग सबका '
आज भी बिना कहानियां सुने मुझे नींद नहीं आती.
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस हम सभी भारतवासियों को मुबारक हो.
इलाही वो भी दिन होगा जब अपना राज देखेंगे
जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा.
शेर और चूहे जैसी कहानी ....प्रेरणास्पद !
ReplyDeletebahut achi kahani. kbhi kbhi hamare blog par bhi padhare or acha lage to apne vichar de or is se jude. mere blog ka pta h....
ReplyDeletehttp://hiteshnetandpctips.blogspot.com
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