Saturday, March 10, 2012

गाय और बाघ

             एक जंगल में एक बाघ रहता था| उसका एक बच्चा भी था| दोनों एक साथ रहते थे| बाघ दिन में शिकार करने जंगल में चला जाता था, पर बच्चा अपनी मांद  के आस पास ही रहता था| उस जंगल में एक गाय भी रहती थी| उस का भी एक बछड़ा था| गाय भी दिन में  चरने चली जाती थी| बछड़ा आस पास ही रहता था| एक दिन गाय के बछड़े को बाघ का बच्चा दिखाई दिया, वह डर गया और छुप गया| शाम  को जब उसकी माँ आई तो वह बाहर आया | अपनी माँ का दूध पी कर बछड़ा खेलने लगा| उसे माँ का आसरा  मिल गया| अगले दिन फिर से गाय और बाघ जंगल की ओर चले गए, दोनों के बच्चे अपनी अपनी जगह खेलने लगे| बाघ के बच्चे की नजर गाय के बछड़े पर पड़ गई| वह उसकी ओर दोस्ती के लिए बढा |गाय का बछड़ा पहले तो डर गया, पर बाघ के बच्चे के कहने पर वह रुक गया| बाघ के बच्चे ने गाय के बछड़े को कहा कि हम दोस्ती कर लेते हैं|  गाय के बछड़े ने जवाब दिया कि तुम लोग मांसाहारी   हो हम लोग शाकाहारी  है तो हम में दोस्ती कैसी? बाघ के बच्चेने कहा कि हम लोग मांसाहारी जरुर हैं, पर तेरी मेरी दोस्ती पक्की | जब हमारी माताएं  जंगल को चली जाती हैं, तब हम आपस मे खेल लिया करेंगे |यह सुन कर गाय के बच्चे को सुकून  मिला और उसने आगे आ कर बाघ के बच्चे को गले से लगा लिया| दोनों ने कसमें खाई, कि कुछ भी हो हम अपनी दोस्ती नहीं तोड़ेंगे, चाहे इसके लिए हमे अपनी माताओं से ही क्यों न लड़ना पड़े|  गाय और बाघ में  तो पहले से ही दुश्मनी थी, इस बात को बच्चे जानते थे| गाय रोज़ अपने बछड़े के लिए दूध निकाल कर रख जाती थी| एक दिन गाय ने अपने बछड़े से कहा कि  जिस दिन  कभी मेरे  इस दूध का रंग लाल हो गया, उस दिन समझना कि  तुम्हारी माँ को किसी बाघ ने खा लिया है| गाय के बच्चे ने अपनी माँ से कहा ऐसा कभी नहीं  होगा| अगले दिन वह कुछ उदास जैसा था, तो बाघ के बच्चे ने उससे  कारण   पूछा तो गाय के बछड़े ने  अपनी माँ द्वारा कहे शब्द उसको बता दिए| बाघ के बच्चे ने कहा, ऐसा कभी भी नहीं होगा| और दोनों खेलने लग गए|             
            एक दिन बाघ की नज़र गाय पर पड़ गई और उसने गाय को मारने की सोच ली | गाय रोज़ उस से बच कर निकल जाती थी | एक दिन बाघ गाय के रास्ते को घेर कर बैठ गया और जब गाय नजदीक आई तो उसपर हमला बोल दिया, बाघ ने गाय को मार कर खा लिया| उधर जब गाय का बछड़ा दूध पीने को गया, तो उसने  देखा  कि दूध लाल हो गया है तो वह समझ गया कि  बाघ ने मेरी माँ को मार दिया है | वह बाघ के बच्चे के पास गया और उसे सारी बात बताई कि उस की माँ ने आज मेरी  माँ को मार दिया है| क्यों कि दूध का रंग लाल हो गया है| बाघ के बच्चे ने कहा अगर मेरी  माँ ने तेरी माँ को मारा होगा तो  मेरी माँ भी जिन्दा नहीं बचेगी| शाम  को जब गाय वापस  नहीं आई और बाघ वापस  आ गया तो पता चल गया कि गाय को बाघ ने मार खाया है| बाघ के बच्चे ने भी अपनी माँ को मारने की सोच ली|  बाघ के  बच्चे ने गाय के बछड़े को कहा कि मेरी माँ ने तेरी माँ को मार खाया है, अब तू छुप के देखना मैं कैसे अपनी माँ को मारता हूँ| यह कह कर बाघ का बच्चा अपनी माँ के पास गया और उसको कहा कि वह एक ऊँची जगह पर बैठ जाय,  मैं  दूर से आ कर उसे  छूउगा | ऐसा कहते हुए उसने अपनी माँ को एक टीले पर बैठा दिया और दूर से आ कर बाघ को धक्का दे दिया| बाघ काफी दूर जा गिरा और उसकी मौत हो गई| इस तरह बाघ के बच्चे ने अपनी दोस्ती का फ़र्ज़ अदा किया और दोनों की दोस्ती हमेशा  के लिए अटल रही|

17 comments:

  1. सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति ...

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  2. दुखांत...काश कि गाय भी बच जाती और बाघ भी...

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  3. दुखद,काश सभी दोस्त दोस्ती का फर्ज निभाते...सार्थक पोस्ट ...

    MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...

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  4. रोचक कथा बालीवुड स्टाइल .ये दोषती हम नहीं छोड़ेंगे .....

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  5. rochak v dosti ke liye ek sher ke bachche kee bhavna ko sundarta se prastut karti kahani .bahut achchhi lagi.

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  6. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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  7. बहुत अजीब सी कहानी लगी...
    यानी कुछ जुदा सा अंत था......
    शायद यही खासियत हो....हकीकत से एकदम अलग....तभी दादी मां की कहानी है...
    सादर.

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  8. कहानी काफी अच्छी थी.

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  9. Ek bacche dwara uski maa ki hatiya ye ant na mujhe accha laga na 5saal ki meri beti ko....dosti ki misaal banane k liye apni maa ki bali chadana sahi udaharan nahi hai...dosti ka mahatv samjhane hetu koi or ant bhi diya ja sakta tha

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  10. This story may be good for many, but not inspiring or advised for Children.

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  11. Bachcho ki kahani me ye mar Ke khana, bachche Ke dwara maa ki Hatya karna , mere khayal se vichitra hai, vikrit

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