किसी गांव में एक ब्राह्मन रहता था| वह हमेशा पूजा पाठ में लगा रहता था| एक दिन वह रोज की तरह पूजा पाठ में लगा हुआ था| ब्राह्मन को लगा कि उसके मुंह में कुछ है| ब्राह्मन ने जब अंगुली डाल कर उसे बाहर निकाला तो देखा कि यह एक चिड़िया का छोटा सा पंख है| ब्राह्मन को चिड़िया के पंख को देख कर बहुत हैरानी हुई| पूजा के बाद जब ब्राह्मन अपने घर गया तो उसने यह हैरानी वाली बात अपनी पत्नी को बताई| साथ में यह बात किसी को नहीं बताने की हिदायत दी| उसकी पत्नी ने कहा ठीक है में किसी को भी नहीं बताउगी| यह बात सुन कर ब्राह्मन पत्नी भी काफी हैरान हुई| कुछ समय के बाद ब्राह्मन पत्नी से यह बात पचाई नहीं गई| उसने यह बात अपनी एक सहेली को यह कहकर बता दी कि वह यह बात किसी को नहीं बताएगी| ब्राह्मन पत्नी से कहने में या उसकी सहेली के सुनने में फरक रह गया| उसने बहुत से पंख कह दिए या बहुत से पंख सुन लिए| ब्राह्मन पत्नी की सहेली ने यह बात आगे अपनी सहेली को बता दी| दोनों के कहने में या सुनने में फिर फरक रह गया और उसकी सहेली ने पूरी चिड़िया ही सुन लिया| धीरे धीरे शाम तक यह अफवाह गांव से बाहर तक फ़ैल गई और एक पंख के बजाय कई पंखों में फिर पूरी चिड़िया में फिर कई चिड़ियों में बदल गयी| शाम को सभी गांव वाले मिल कर यह चमत्कार देखने के लिए ब्राह्मन के घर आये और ब्राह्मन से चमत्कार दिखाने को कहा| ब्राह्मन ने बहुत समझाने की कोशिश की पर कोई भी मानने को तैयार नहीं हुआ| आखिर में ब्राह्मन ने कहा ठीक है आप सभी लोग बैठ जाओ में अभी आता हूँ| यह कह कर ब्राह्मन पीछे के रास्ते से घर से बाहर चला गया और कई दिन वापस नहीं आया| जब वह वापस आया तो सारी अफवाह ठंडी पड़ गई थी| इसी लिए कहते हैं कि जिस बात को आप छुपाना चाहते हैं उस बात को किसी को बताना नहीं चाहिए चाहे वह कितना ही विश्वास पात्र क्यों न हो|
बचपन में पढ़ी कहानियों को फिर से पढ़ने का आनंद ही कुछ और है...हाँ!उम्र के इस पड़ाव पर ..प्रेरक कहानी.
ReplyDeleteसही संदेश देती अच्छी कहानी
ReplyDeleteसच है, बात ऐसे ही फैलती है।
ReplyDeleteएक पंख की कई चिडियाँ बना दी।
ReplyDeleteजाही निकालो गेह ते...कस ना भेद कह देय...
ReplyDeleteइसी लिए कहते है -- राज को राज रहने दे ! बहुत सुन्दर
ReplyDeletesach kaha hai aapne .aabhar
ReplyDeleteऐसा ही होता है यहाँ ! अच्छा लगा पढ़ कर !
ReplyDeleteमेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : Blind Devotion - सम्पूर्ण प्रेम...(Complete Love)
हलक से निकली खलक में पहुँची.
ReplyDeleteसुन्दर शिक्षा ..
ReplyDeleteलघु कथा में अच्छा सन्देश है.
ReplyDeletesaarthak sandesh deti acchhi kahaani.
ReplyDeleteसही संदेश देती अच्छी कहानी बहुत ही अच्छा लिखा है!
ReplyDeleteVery nice great moral story.
ReplyDelete