एक जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था| शेर इतना अधिक बूढ़ा हो चुका था कि उसमें शिकार करने की भी ताकत नहीं रही थी| एक दिन बूढ़ा शेर जंगल में शिकार की तलाश में घूम रहा था, तो उसे कोई चमकती हुई चीज दिखाई दी| शेर ने उसे उठाकर देखा तो यह एक सोने की चूड़ी थी| शेर ने सोचा इसे किसी आदमी को दिखा कर लालच में फसाया जा सकता है| इस से आदमी का स्वादिष्ट मीट भी खाने को मिल सकता है| यह सोच कर शेर जंगल के बिच में नदी के किनारे रास्ते में एक पेड़ के नीचे बैठ कर किसी यात्री का इंतजार करने लगा| कुछ ही देर में एक आदमी उस रास्ते से गुजर रहा था तो शेर ने आवाज दे कर कहा "अरे भाई यह सोने की चूड़ी लेलो " मेरी यह किसी कम की नहीं है, तुम्हारे कोई काम आ जाएगी| राही ने लेने से इंकार कर दिया तो शेर ने कहा ठीक है अगर तुम नहीं लेना चाहते हो तो में किसी और को दे देता हूँ, यह कह कर शेर वहां से जाने लगा तो यात्री ने सोचा अगर शेर ने मुझे खाना ही होता तो वह मुझे वैसे ही मार कर खा सकता था| यात्री ने शेर से कहा में यह चूड़ी लेने को तयार हूँ| शेर ख़ुशी से मुड़ा और चूड़ी जमीं पर रखते हुए बोला ठीक है ये ले जाओ| यात्री लालच में पड़ कर चूड़ी लेने आगे बढ़ा| जैसे ही यात्री ने चूड़ी उठाने को हाथ आगे बढाया शेर ने छलांग मार कर यात्री को दबोच लिया और मार कर खा गया| इस तरह यात्री का अंत हो गया| इस लिए कहते हैं कि लालच बुरी बला है|
प्रलोभनों से बच निकलना आसन नहीं होता...इसीलिए दादी माँ की कहानियां पढना बहुत ज़रूरी है..
ReplyDeleteवाह ..एक छोटी कहानी से इतनी बड़ी सीख... कमाल .. उपयोगी रचना
ReplyDeleteLAALCH BURI BALA HAI...SIKH DETI EK ACHI KAHANI
ReplyDeleteलालच बुरी बला - सुंदर कहानी
ReplyDeleteलालच बुरी बला है| माया मिली न राम
ReplyDeleteलालच डुबो देता है।
ReplyDeleteबहुत अच्छी कहानी....
ReplyDeleteकहानी तो अच्छी है किन्तु आज कल के बच्चो को ये सिखाने के लिए दादी माँ की इन कहानियो में कुछ परिवर्तन करना होगा आज कल के बच्चे हम लोगो से कही ज्यादा समझदार होते है |
ReplyDeleteबहुत प्रेरक कहानी.
ReplyDeleteबहुत शिक्षाप्रद कथा...
ReplyDeleteबहुत प्रेरक कहानी..
ReplyDeleteशेर और चूडी की कहानी तो पहली बार पढी । लालच बुरी बला ही है ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसही बात है "लालच बुरी बला है "
ReplyDeleteMn ko bhane layk hai
ReplyDelete