एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे| उनमें एक भेड़िया भी था| भेड़िया अपने आप को काफी चालाक समझता था| एक दिन जंगल में काफी दौड़ धूप करने के बाद भी भेड़िए को कुछ खाने को नहीं मिला | थक हार कर वह एक पत्थर पर बैठ गया| बैठे बैठे ही उसकी नजर एक बकरी पर पड़ गयी जो एक ऊँची और फिसलन वाली पहाड़ी पर घास चर रही थी| भेड़िये ने सोचा फिसलन वाली पहाड़ी पर चढ़ना तो मुश्किल है,पर बकरी को कोई लालच दे कर नीचे बुलाया जा सकता है, और भोजन की ब्यवस्था हो सकती है| वह उठा और उस फिसलन वाली पहाड़ी के नजदीक पहुँच गया| वहां पहुच कर उसने बकरी को आवाज दी "बकरी बहिन बकरी बहिन " तुम गलती से ऊँची और फिसलन भरी पहाड़ी पर चढ़ गई हो यहाँ से तुम फिसल कर नीचे गिर जाओगी वापिस आ जाओ | बकरी ने उसकी बात अनसुनी कर दी और घास चरती रही| भेड़िए ने सोचा बकरी को मेरी आवाज सुनाई नहीं दी| भेड़िए ने फिर दुबारा बकरी को जोर से आवाज दी "बकरी बहिन बकरी बहिन" नीचे उतर आओ तुम फिसलन भरी पहाड़ी पर चढ़ गई हो यहाँ से तुम फिसल कर नीचे गिर जाओगी| बकरी ने फिर कोई जवाब नहीं दिया| चरने में ही मस्त रही| भेड़िए ने सोचा की बकरी तो हरी हरी घास खाने में ही ब्यस्त है उसको मेरी आवाज सुनाई नहीं दे रही है| उसने और ऊँची आवाज में कहा "बकरी बहिन बकरी बहिन"नीचे उतर आओ तुम फिसलन भरी पहाड़ी पर चढ़ गई हो, यहाँ से तुम फिसल कर नीचे गिर जाओगी| और ऊपर ठण्ड भी बहुत है | ऊपर की घास से तो नीचे की घास बहुत मीठी है| इस बार बकरी से रहा नहीं गया और उसने जवाब दिया कि तुम्हें मेरे खाने की चिंता हो रही है या अपने खाने की| में जहाँ भी चर रही हूँ ठीक चर रही हूँ| बकरी का जवाब सुन कर भेड़िया समझ गया कि यहाँ मेरी दाल गलने वाली नहीं है, चुप चाप जंगल की ओर चला गया| इसी लिए कहते हैं कि किसी की चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए|
अरे वाह कितनी अच्छी कहानी है... अच्छी सीख दे रही है...
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश दिया कहानी के माध्यम से। बधाई।
ReplyDeletemaza aa gaya padhkar
ReplyDeleteअच्छी लगी कहानी !
ReplyDeleteअच्छी लोक कथा है। पसन्द आई।
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ReplyDeleteवन्दे मातरम वन्धुवर,
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश दिया कहानी के माध्यम से। बधाई।
अपनी बात अधिकाधिक लोगों तक पहुचाने के लिए मैंने एक सार्वजनिक ब्लॉग बनाया है आप अपनी लेखनी को यहाँ भी चलाये,
http://bharatakta.blogspot.com/
बहुत बढिया
ReplyDeletepurani yaadein :)
ReplyDeletehttp://shayaridays.blogspot.com
Shiksha dene wali kahani hai.
ReplyDeleteBhahut achchi kahani share ki hai aapne. Thank you
ReplyDeleteimaandar lakadhara short story in hindi
Bahut hi samajhdar bakri. very nice story
ReplyDeletebhediya aur chalak bakri ki kahani in hindi
very nice story of bhediya aur bakri
ReplyDeletekush shah biography