किसी शहर में एक सेठ रहता था। सेठ का एक बेटा था। सेठ के बेटे की दोस्ती कुछ ऐसे लड़कों से थी जिनकी आदत ख़राब थी। बुरी संगत में रहते थे। सेठ को ये सब अच्छा नहीं लगता था। सेठ ने अपने बेटे को समझाने की बहुत कोशिस की पर कामयाब नहीं हुआ। जब भी सेठ उसको समझाने की कोशिस करता बेटा कह देता कि में उनकी गलत आदतों को नहीं अपनाता। इस बात से दुखी हो कर सेठ ने अपने बेटे को सबक सिखाना चाहा। एक दिन सेठ बाज़ार से कुछ सेव खरीद कर लाया और उनके साथ एक सेव गला हुआ भी ले आया। घर आकर सेठ ने अपने लड़के को सेव देते हुए कहा इनको अलमारी में रख दो कल को खाएंगे। जब बेटा सेव रखने लगा तो एक सेव सडा हुआ देख कर सेठ से बोला यह सेव तो सडा हुआ है। सेठ ने कहा कोई बात नहीं कल देख लेंगे। दुसरे दिन सेठ ने अपने बेटे से सेव निकले को कहा। सेठ के बेटे ने जब सेव निकले तो आधे से जादा सेव सड़े हुए थे। सेठ के लड़के ने कहा इस एक सेव ने तो बाकि सेवों को भी सडा दिया है। तब सेठ ने कहा यह सब संगत का असर है। बेटा इसी तरह गलत संगत में पड़ के सही आदमी भी गलत काम करने लगता है। गलत संगत को छोड़ दे। बेटे की समझ में बात आ गई और उसने वादा किया कि अब वह गलत संगत में नहीं जाएगा। हमेसा आच्छी संगत में ही रहेगा। इस लिए आदमी को कभी भी बुरी संगत में नहीं पड़ना चाहिए।
सही बात है एक मछली सारे तालाब को भी गंदा करती है
ReplyDeleteसंगत का असर तो होता ही है.....
ReplyDeleteकहानी के माध्यम से अच्छी सीख
ReplyDeleteसंगत से गुण-दोष होत है..
ReplyDeleteसुन्दर,प्रेरणा दायक संदेस, .... . होली की शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteनिसंदेह...संगत का असा ज़रूर पड़ता है...
ReplyDeleteजी हाँ यदि किसी के भी चरित्र को पहचानना हो तो उसके मित्रों को देखकर पहचाना जा सकता है.
ReplyDeleteAisi koi baat nhi hoti.ok
Deleteसंगत का असर पडता है,अच्छे के संगत अच्छा बुरा के संगत बुरा बनता,..
ReplyDeleteशिक्षा देती सुंदर कहानी,...बेहतरीन
फालोवर बन रहा हूँ आप भी बने,मुझे खुशी होगी,....
NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
सुन्दर एवं प्रेरणादायक दादी जी की कहानी !
ReplyDeleteआभार !
bahut badiya seekh deti prastuti..
ReplyDeleteसही है।
ReplyDeleteहमें बुरी संगत से बचाना ही चाहिए ! बिलकुल सठिक
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति,सुंदर प्रेरक कहानी,..
ReplyDeleteहोली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
संग का रंग चढ़ता है .
ReplyDeleteश्याम रंग में रंगी चुनरिया ,अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में श्याम बसें हैं ,और दूसरो आवे न .
होली मुबारक .
A man is known by the compny he keeps ,by the books he reads.
sangat ka asar to kabhi mere upar bhi pada tha ....nice post....
ReplyDeleteसंगत की रंगत हमेशा देखने को मिलती है.
ReplyDeleteChandan vish vyapat nahi lipte rahat bhujang. KYA Kanhenge Aap?
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteJOLLY UNCLE
www.jollyuncle.com