Saturday, June 18, 2011

शेर और चूड़ी

                         एक जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था| शेर इतना अधिक बूढ़ा हो चुका था कि उसमें शिकार करने की भी ताकत नहीं रही थी| एक दिन बूढ़ा शेर जंगल में शिकार की तलाश में घूम रहा था, तो उसे कोई चमकती हुई चीज दिखाई दी| शेर ने उसे उठाकर देखा तो यह एक सोने की चूड़ी थी| शेर ने सोचा इसे किसी आदमी को दिखा कर लालच में फसाया जा सकता है| इस से आदमी का स्वादिष्ट मीट भी खाने को मिल सकता है| यह सोच कर शेर जंगल के बिच में नदी के किनारे रास्ते में एक पेड़ के नीचे बैठ कर किसी यात्री का इंतजार करने लगा| कुछ ही देर में एक आदमी उस रास्ते से गुजर रहा था तो शेर ने आवाज दे कर कहा "अरे भाई यह सोने की चूड़ी लेलो " मेरी यह किसी कम की नहीं है, तुम्हारे कोई काम आ जाएगी| राही ने लेने से इंकार कर दिया तो शेर ने कहा ठीक है अगर तुम नहीं लेना चाहते हो तो में किसी और को दे देता हूँ, यह कह कर शेर वहां से जाने लगा तो यात्री ने सोचा अगर शेर ने मुझे खाना ही होता तो वह मुझे वैसे ही मार  कर खा सकता था| यात्री ने शेर से कहा में यह चूड़ी लेने को तयार हूँ| शेर ख़ुशी से मुड़ा और चूड़ी जमीं पर रखते हुए बोला ठीक है ये ले जाओ| यात्री लालच में पड़ कर चूड़ी लेने आगे बढ़ा| जैसे ही यात्री ने चूड़ी उठाने को हाथ आगे बढाया शेर ने छलांग मार कर यात्री को दबोच लिया और मार कर खा गया|  इस तरह यात्री का अंत हो गया| इस लिए कहते हैं कि लालच बुरी बला है|




15 comments:

  1. प्रलोभनों से बच निकलना आसन नहीं होता...इसीलिए दादी माँ की कहानियां पढना बहुत ज़रूरी है..

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  2. वाह ..एक छोटी कहानी से इतनी बड़ी सीख... कमाल .. उपयोगी रचना

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  3. LAALCH BURI BALA HAI...SIKH DETI EK ACHI KAHANI

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  4. लालच बुरी बला - सुंदर कहानी

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  5. लालच बुरी बला है| माया मिली न राम

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  6. बहुत अच्छी कहानी....

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  7. कहानी तो अच्छी है किन्तु आज कल के बच्चो को ये सिखाने के लिए दादी माँ की इन कहानियो में कुछ परिवर्तन करना होगा आज कल के बच्चे हम लोगो से कही ज्यादा समझदार होते है |

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  8. बहुत प्रेरक कहानी.

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  9. बहुत शिक्षाप्रद कथा...

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  10. बहुत प्रेरक कहानी..

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  11. शेर और चूडी की कहानी तो पहली बार पढी । लालच बुरी बला ही है ।

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  12. This comment has been removed by the author.

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  13. सही बात है "लालच बुरी बला है "

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