Tuesday, October 11, 2011

साधु पुत्री

                            बहुत समय पहले की बात है, एक महात्मा अपनी पत्नी के साथ जंगल में नदी के किनारे कुटिया बनाकर रहते थे| उनकी कोई औलाद नहीं थी | एक दिन महात्माजी नदी में नहाने के बाद हाथ से पानी का अर्घ दे रहे थे, तो उनके हाथों में ऊपर उड़ रहे एक चिल के मुंह से एक चुहिया गिर गयी| चुहिया को देख कर महात्माजी बहुत प्रशन्न हुए| महात्माजी ने अपने तपोबल से चुहिया को लडकी में बदल दिया| अब वो  उस लड़की को लेकर अपनी पत्नी के पास गए| महात्मा पत्नी लड़की को पा कर बहुत खुश हुई और उसे अपनी लड़की की तरह पालने का निश्चय किया| धीरे धीरे लड़की बड़ी होती गयी| कुछ सालों में लड़की शादी के योग्य हो गई| महात्मा जी चाहते थे कि उनकी लड़की की शादी किसी ताकतवर के साथ हो| उन्हों ने सब से पहले सूर्य भगवान का आवाहन किया| सूर्य भगवान प्रकट हो गए| सूर्य को देखते ही लड़की ने कहा इस में तो गर्मी ही बहुत है मैं इस से शादी नहीं करुँगी| सूर्य ने कहा मुझसे जादा ताकतवर बादल है वह मेरी रोशनी को भी रोक लेता है आप उसी से इसका विवाह कर दें| महात्मा जी ने बादल का आवाहन किया| बादल को देखते ही लड़की ने कहा यह तो बहुत काला है इसके साथ मैं शादी नहीं करुँगी| बादल ने कहा मुझसे ज्यादा  ताकतवर हवा है जो मुझे उड़ा कर कहीं भी लेजा सकती है| महात्माजी ने हवा का आवाहन किया| बड़े जोरसे हवा आई तो लड़की ने कहा नहीं नहीं मैं इस से शादी नहीं कर सकती यह तो मुझा उड़ा कर ले जाएगा| हवा ने कहा मुझ से ताकतवर पहाड़ है जो मेरी गति को भी रोक लेता है आप इसकी शादी पहाड़ से  कर दो| महात्माजी ने आवाहन कर के पहाड़ को बुलाया| पहाड़ को देखते ही लड़की ने कहा नहीं नहीं इस से मैं शादी नहीं कर सकती| पहाड़ ने कहा  मुझसे ताकतवर तो चूहा है जो मेरे में छेद करके मुझे गिरा सकता है| चूहे का नाम सुनते ही लड़की खुश हो गई और शादी को राजी हो गई| महात्माजी ने लड़की को चुहिया में बदल दिया और दोनों की शादी कर दी| दोनों ख़ुशी से अपनी जिन्दगी बिताने लगे| इसी लिए कहते हैं कि कोई किसी का भाग्य नहीं बदल सकता है|

6 comments:

  1. जिसकी जैसी सोच और किस्मत।

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  2. हम बचपन में ये कहानी सुन चुके है , जब बिटिया ने पहली बार एनीमेशन फिल्म में ये कहानी देखी तो उसे यही समझ नहीं अ रहा था की चुहिया लड़की कैसे बन गई और वो तो मुझसे ही कहने ली की मै भी चूहे को लड़की बना दू :)))

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  3. मजा आ गया ! नसीब और आदत साथ हो लिए ! बहुत सुन्दर !

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  4. वाह ....बहुत ही सुखद अंत

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  5. सुंदर कहानी.अपनी अपनी जगह हर कोई बड़ा फिर भी किसी न किसी के आगे छोटा.

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  6. इसी लिए कहते हैं कि कोई किसी का भाग्य नहीं बदल सकता है| Kyonki Vichar hi anttah aacharan mein pratit hota hai.

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